आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantभीतर तो मात्र अंधेरा है!आचार्य प्रशांत: जो इतिहास में पहला था और जो प्रकाश की किरण आपके जीवन में पहली है, वो दोनों ही आपसे नहीं आनी है। आप तो बस इतना कर सकते हो कि…1h ago1h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantयदि सहज आनंद को ठुकराया, तो विकल्प बनेंगे मनोरंजन और माया!आचार्य प्रशांत: बोली ठोली मसखरी, हँसी खेल हराम मद माया और इस्तरी, नाहिं सन्तन के काम।। ~ कबीर साहब6h ago6h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantअन्याय सहना कितना ज़रूरी ?आचार्य प्रशांत: ‘नय’ शब्द का अर्थ होता है, साधारण भाषा में, जिस चीज़ को जहाँ होना चाहिए उसका वहीं होना। जहाँ से ‘न्याय’ निकला था न। जो चीज़…1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantबाहर आओ जवान! वो बुला रही है!यदा संहरते चायं कूर्मोऽङ्गानीव सर्वश:। इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता।।1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantजानवरों से इतनी उम्मीदें रखोगे, तो दिल तो टूटेगा ही !प्रश्नकर्ता: मैं सूरत से आया हूँ। और मेरा जो प्रश्न है वो रियल लाइफ (वास्तविक जीवन) से है। आचार्य जी, मैं आपको कम-से-कम पाँच-छः महीने से…2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantनववर्ष चुनौती!आचार्य प्रशांत: तो जो हमारा औपचारिक नववर्ष होता है उसकी शुरुआत मैं आपसे बात करके कर पाऊँ। बाक़ी बहुत मीठा बोलना मुझे आता नहीं है लेकिन बस…2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantगीता आजतक पढ़ी नहीं, और करेंगे धर्म की रक्षा!प्रश्नकर्ता: मैंने आपका एक वीडियो देखा ‘हिन्दू-मुस्लिम बवाल’ के ऊपर। उस पर एक टिपण्णी थी कि हिन्दू जब बचेंगे तभी तो उपनिषद्, गीता पढ़…3d ago3d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantजहाँ आसक्ति वहाँ दुःख!कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम् | तस्मात्सर्वगतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम् || ३, १५ ||4d ago4d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantपरधर्म भयावह है!श्रेयान्स्वधर्मो विगुण: परधर्मात्स्वनुष्ठितात् | स्वधर्मे निधनं श्रेय: परधर्मो भयावह: || ३, ३५ ||4d ago4d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantइन्द्रियों पर विजय कैसे प्राप्त करें? कर्म और अकर्म क्या?श्रद्धावान् लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय: | ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति || ४, ३९ ||5d ago5d ago