12 hours agoMember-onlyझूठा सपनों का महल, झूठा सन्यास का आश्रमप्रश्नकर्ता: आचार्य जी प्रणाम, मेरा नाम विक्की है, युवा हूँ। मैंने घर की आर्थिक स्थिति के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मैं तीन साल से मल्टी लेवल मार्केटिंग व्यापार में हूँ। मुझे सब कुछ अपने ही दम पर करना है, समृद्ध बनना है। मेरे मित्र नौकरी छोड़कर ध्यान में…Acharya Prashant9 min readAcharya Prashant9 min read
1 day agoMember-onlyनौकरी के निर्णय — कुछ लोगों को लालच से ज़्यादा आज़ादी प्यारी होती हैप्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी, हमे अपने कैरियर का चुनाव किस आधार पर करना चाहिए? क्या हमें अपना कैरियर अपने व्यक्तित्व के आधार पर चुनना चाहिए या जिसमे रुचि हो और सफलता मिले उस आधार पर? आचार्य प्रशांत: नहीं, आमतौर पर हम, जिसे कैरियर कह रहे हैं, वो चुनते ही ऐसे…Acharya Prashant15 min readAcharya Prashant15 min read
2 days agoMember-onlyकिसी भी काम में डूबे रहना कर्मयोग नहीं कहलाताप्रश्नकर्ता: मैं कर्मयोग को समझना चाहता हूँ, कर्मयोग को जीवन में उतारना चाहता हूँ क्योंकि ज्ञान की बात आती है तब मन विचलित हो जाता है और जब भक्ति की बात आती है तब निष्क्रिय हो जाता हूँ, आलसी हो जाता हूँ, और भौतिक तल पर भी खाने के भी…Acharya Prashant10 min readAcharya Prashant10 min read
3 days agoMember-onlyहम पूर्ण से अलग हुए ही क्यों?प्रश्नकर्ता: मैं आज अमृतबिंदु उपनिषद पढ़ रहा था, जो आज भेजा गया था। उसमे लिखा है, “विषय-भोगों के संकल्प से रहित होने पर ही इस मन का विलय होता है। अतः मुक्ति की इच्छा रखने वाला साधक अपने मन को सदा ही विषयों से दूर रखे। इसके अनन्तर जब मन…Acharya Prashant6 min readAcharya Prashant6 min read
4 days agoMember-onlyमौत का डर सताता है?प्रश्नकर्ता: सात साल पहले मेरे परिवार में एक दुर्घटना हुई थी। मेरी मम्मी और मेरे भाई की मृत्यु हो गई। मेरे मामा जी गाड़ी चला रहे थे तो मामा जी को नींद आ गई थी। मामा जी तो ठीक हैं, उनको इतनी ज्यादा कुछ चोट नहीं लगी मगर मेरी मम्मी…Acharya Prashant9 min readAcharya Prashant9 min read
5 days agoMember-onlyहम बड़े लोगों से अपनी तुलना क्यों करना चाहते हैं?प्रश्नकर्ता: हम ऐसा क्यों करते हैं कि बड़े लोगों से हम अपनी तुलना करते हैं जैसे संत कबीर हो गए, आप हो गए, कृष्णमूर्ति जी हो गए, जबकि हमको पता है कि हमारी औकात क्या है, फिर भी? आचार्य प्रशांत: इसीलिए, क्योंकि तुम्हें पता है कि तुम्हारी क्या औकात है।…Acharya Prashant10 min readAcharya Prashant10 min read
6 days agoMember-onlyशांत मन को कैसे प्राप्त हों?लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषयः क्षीणकल्मषाः। छिन्नद्वैधा यतात्मानः सर्वभूतहिते रताः।। जिनके सब पाप नष्ट हो गए हैं, जिनके सब संशय ज्ञान के द्वारा निवृत्त हो गए हैं, जो सम्पूर्ण प्राणियों के हित में रत हैं और जिनका जीता हुआ मन निश्चलभाव से परमात्मा में स्थित है, वे ब्रह्मवेत्ता पुरुष शांत मन को प्राप्त…Acharya Prashant17 min readAcharya Prashant17 min read
May 27Member-onlyसस्ती है वो हँसी जिसके पीछे दर्द न होप्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी। मैं चौबीस साल का हूँ और मेरा सवाल ये है — हमारे जीवन में उदासी क्यों बनी रहती है? मैं बहुत बार जब अपने-आपको देखता हूँ तो किसी-न-किसी विचारों में बहुत बार लिप्त हो जाता हूँ, और ख़ुद को पाता हूँ कि उदास ही हूँ, वो…Acharya Prashant9 min readAcharya Prashant9 min read
May 26Member-onlyबिना संकल्प आगे कैसे बढ़ें?यं संन्यासमिति प्राहुर्योगं तं विद्धि पाण्डव | न ह्यसंन्यस्तसङ्कल्पो योगी भवति कश्चन || हे अर्जुन! जिसको सन्यास कहते हैं, उसी को तुम योग जान; क्योंकि संकल्पों का त्याग न करने वाला कोई भी पुरुष योगी नहीं होता। — श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ६, श्लोक २ प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, संकल्पो के बिना कोई…Acharya Prashant6 min readAcharya Prashant6 min read
May 25Member-onlyगीता-ज्ञान कॉर्पोरेट मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए है?प्रश्नकर्ता: आज बहुत सारी ऐसी संस्थाएँ और मेनेजमेंट गुरु पनप आए हैं जो श्रीमद् भागवतगीता को मैनेजमेंट मानें प्रबंधन सीखने की पुस्तक बताते हैं। मैं एमबीए कर रहा हूँ दिल्ली से तो मैंने भी मेनेजमेंट सीखने के उद्देश्य से गीता दो बार पढ़ी पर कुछ फायदा लगा नहीं, कुछ समझाएँ…Acharya Prashant19 min readAcharya Prashant19 min read