सोने का हक़
1 min readNov 20, 2022
मन शांत
सब के सोने पर मेरा एकांत
एक बार फिर वही आदिम नींद पलकों पर आए
एक बार फिर वही इच्छा मन पर छाए
कि सोऊँ ऐसे कि फिर जागूँ न जगाए ।
पर मेरा नीरव चैन जागृति की भेंट चढ़ जाना है
तुमने सदा सूरज और सुबह को सत्य माना है