वासना से सबका जन्म है, फिर वासना की निंदा क्यों?

प्रश्नकर्ता: अध्यात्म में कामवासना, शारीरिक-आकर्षण, इन सबके विरुद्ध सावधान रहने को कहा जाता है, लेकिन जिस प्रक्रिया से एक जीव इस दुनिया में, अस्तित्व में आता है, वह प्रक्रिया ग़लत कैसे हो सकती है?

आचार्य प्रशांत: जो सवाल पूछ रहे हैं, उनकी कुछ धारणाएँ हैं, जो सवाल के पीछे छुपी हुई हैं। उनकी सबसे केंद्रीय धारणा ये है कि शारीरिक-जन्म अपने-आपमें कोई बहुत पूरी या शुभ बात होती है। दूसरी धारणा उनकी ये है कि हम हमारा शरीर ही हैं।

देखिए, समझिए। आपने अपनी जगह तर्क बिलकुल भरपूर दिया है। आप कह रहे हैं कि, “हम जिस प्रकिया से दुनिया में…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org