बिना संकल्प आगे कैसे बढ़ें?
6 min readMay 26, 2023
यं संन्यासमिति प्राहुर्योगं तं विद्धि पाण्डव |
न ह्यसंन्यस्तसङ्कल्पो योगी भवति कश्चन ||
हे अर्जुन! जिसको सन्यास कहते हैं, उसी को तुम योग जान; क्योंकि संकल्पों का त्याग न करने वाला कोई भी पुरुष योगी नहीं होता।
— श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ६, श्लोक २
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, संकल्पो के बिना कोई जीवन में आगे कैसे बढ़े? निष्काम कर्म तो समझ में आता…