बिना संकल्प आगे कैसे बढ़ें?

बिना संकल्प आगे कैसे बढ़ें?

यं संन्यासमिति प्राहुर्योगं तं विद्धि पाण्डव |
न ह्यसंन्यस्तसङ्कल्पो योगी भवति कश्चन ||

हे अर्जुन! जिसको सन्यास कहते हैं, उसी को तुम योग जान; क्योंकि संकल्पों का त्याग न करने वाला कोई भी पुरुष योगी नहीं होता।

— श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ६, श्लोक २

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, संकल्पो के बिना कोई जीवन में आगे कैसे बढ़े? निष्काम कर्म तो समझ में आता…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org