अपनों की मौत इतना दर्द क्यों देती है
9 min readNov 28, 2022
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, अपने परिजनों की मृत्यु के साथ पीड़ा क्यों आती है?
आचार्य प्रशांत: दो बातें हैं मोटी-मोटी। पहली बात तो ये है कि जो कुछ भी अपना है वो अपनी हस्ती का, अपनी अस्मिता का अंग बन जाता है तो वो जब छिनता है तो ऐसा लगता है कि जैसे अपना ही कोई हिस्सा हमसे टूट गया हो, चिर गया हो, फट कर अलग हो गया हो। जैसे किसी अपने के गुज़र जाने से आंशिक मृत्यु हमारी भी हो गई हो। हम और होते क्या हैं? विशुद्ध…