आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantनवरात्रि विशेष: न्याय और माया!प्रश्नकर्ता: प्रणाम, आचार्य जी। नवरात्रि आ रही है तो कन्याओं को पुस्तक देने की सोची। तो उसमें अमर चित्र कथा में पढ़ रहा था, उसमें अंगुलिमाल…3h ago3h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantसर, आप हमसे इतने अलग कैसे?प्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी। आचार्य जी, मेरे दो सवाल हैं जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। पहला प्रश्न यह है कि आप जो हमें समझाते हैं, उपनिषद्…5h ago5h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantआपको कैरियर काउंसलर की ज़रूरत है या गीता की!प्रश्नकर्ता: प्रणाम, आचार्य जी। आचार्य जी, मैं आपसे दो साल से जुड़ा हूँ। आपसे जुड़ने के बाद मुझमें काफ़ी बदलाव हुए हैं। इसका मैं सदा ऋणी…1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantटेक्नोलॉजी के विकास से बचाव या विनाश?आचार्य प्रशांत: आज से चालीस साल पहले हिन्दुस्तान की सड़क पर कौन सी गाड़ियाँ चलती थी? मैं कारों की बात कर रहा हूँ।1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantदेश दुर्दशा में है — भारत में रहूँ, या छोड़ दूँ?प्रश्नकर्ताः धन्यवाद, सभा में उपस्थित सभी लोगों का अभिनन्दन! मैं डा. कुमार मनोज, मैं आधुनिक चिकित्सा में यूरोप से प्रशिक्षित एक चिकित्सक…2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantअब हरि करे फिकर हमारी!आचार्य प्रशांत: कहानी है | भक्त के प्रण की चिंता भगवान को होती है। अर्जुन ने प्रण किया कि यदि जयद्रथ को नहीं मारता तो आत्मदाह कर लूँगा। ये…2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantअर्जुन के समक्ष तो युद्ध था, हमारे लिए स्वधर्म क्या?श्रीभगवानुवाच अनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः। स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रियः।।3d ago3d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantनियत कर्म क्या है? गृहस्थी अध्यात्म में कब बाधा बनती है?नियतस्य तु संन्यासः कर्मणो नोपपद्यते। मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः।।3d ago3d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantभीतर तो मात्र अंधेरा है!आचार्य प्रशांत: जो इतिहास में पहला था और जो प्रकाश की किरण आपके जीवन में पहली है, वो दोनों ही आपसे नहीं आनी है। आप तो बस इतना कर सकते हो कि…4d ago4d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantयदि सहज आनंद को ठुकराया, तो विकल्प बनेंगे मनोरंजन और माया!आचार्य प्रशांत: बोली ठोली मसखरी, हँसी खेल हराम मद माया और इस्तरी, नाहिं सन्तन के काम।। ~ कबीर साहब4d ago4d ago