आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantब्रह्मविद्या को सबसे कठिन विद्या क्यों कहा जाता है?आचार्य प्रशांत: छठा, सातवाँ और बाईसवाँ श्लोक उद्धृत कर रहीं हैं। कह रही हैं कि इंद्रियाँ, विषय, मन, बुद्धि, अहंकार, सुख-दु:ख, चेतना, धृति…3h ago3h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantदुख का अंत सुख पाकर नहीं होता!आचार्य प्रशांत: श्रीमद्भगवद्गीता, सांख्ययोग, दूसरा अध्याय, बावनवाँ श्लोक।13h ago13h ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantऐसा कारोबार करो जो कृष्ण तक पहुँचा दे!पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति। तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन:।।1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantबोध क्या है? बोध और ज्ञान में क्या अंतर है?ज्योतिषामपि तज्ज्योतिस्तमसः परमुच्यते। ज्ञानं ज्ञेयं ज्ञानगम्यं हृदि सर्वस्य विष्ठितम्।।1d ago1d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantहमारी तड़प ही बताती है कि कृष्ण साथ हैं!क्षेत्रज्ञं चापि मां विद्धि सर्वक्षेत्रेषु भारत। क्षेत्रक्षेत्रज्ञयोर्ज्ञानं यत्तज्ज्ञानं मतं मम।।2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantउत्कृष्टता ही जीवन का ऐश्वर्य है!प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, आपने ‘ऐश्वर्य’ शब्द के बारे में मुझे थोड़ा-सा कहा था कि जीवन में ऐश्वर्य होना चाहिए और जब मैंने ये आध्यात्मिक ग्रंथ…2d ago2d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantग्रंथों में नारियों को सम्मान क्यों नहीं देते?मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः। स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम्।।4d ago4d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantवास्तव में जागना तब हुआ जब कृष्ण दिखने लगें!या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी। यस्यां जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुने:।।4d ago4d ago
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashantन हम चैतन्य, न हम जड़, बस मध्य के हैं एक भँवर!वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः। इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना।।5d ago5d ago