है तुममें विवेकानंद जैसी प्यास?

कहानी कहती है जब विवेकानंद रामकृष्ण से मिले तो पहला प्रश्न किया की भगवान देखा है आपने? विवेकानंद की ऐसी आग थी। भीतर ऐसी त्वरा लगी हुई थी। अभी चाहिए। विवेकानंद पूछ रहे हैं रामकृष्ण से, क्या आपने ईश्वर को देखा है? रामकृष्ण ने भी सहज ही कह दिया कि हाँ देखा है, जैसे किसी ने बिल्ली देखी हो या पेड़ देखा हो।
विवेकानंद कह रहे हैं, मुझे दिखा सकते हो? विवेकानंद ने सोचा, पहले तो इन्होंने शेखी बघार दी, अब शायद इधर-उधर की…