हिंदी से दूर करके बच्चे की जड़ें काट रहे हो
आपका बच्चा भारतीय संस्कृति सीखे, ना सीखे, ये कोई बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न नहीं है। संस्कृति तुलनात्मक रूप से छोटा मुद्दा है अध्यात्म के सामने। पर जब मैं बच्चों को देखता हूँ कि छठवीं-आठवीं में आ गए हैं और हिंदी बोलना नहीं आया, राम को रामा और कृष्ण को कृष्णा बता रहे हैं, तो मैं ये भी समझ जाता हूँ कि ये बच्चा अब जीवन में कभी गीता को सम्मान नहीं देने वाला। इनका सम्बन्ध है दोनों का। हम जिस जगह पर रहते हैं, जिस समय में रहते…