हिंदी को नहीं अपनी हस्ती को अपमानित कर रहे हो
हिंदी की क्या औकात? अपमानित भाषा! तो भौतिक कारण समझ में आ रहा है? नल की टोटी ठीक करने की शिक्षा भी अंग्रेजी में हीं मिलेगी। डॉक्टर तो डॉक्टर तुम कंपाउंडर भी अंग्रेजी में ही बन सकते हो और यदि बहुत हठ दिखाओगे तो ‘भाषायी-आतंकी’ कहलाओगे। “देखो इनको! ये भाषा से ऊपर ही नहीं उठ पा रहे हैं, हिंदी पकड़ कर बैठे हुए हैं; इनके दिमाग पर पुरानी चीज़ों ने कब्ज़ा कर रखा है, पुराने संस्कार, पुरानी भाषाएँ, भाषा से ऊपर उठो।”