हर कदम तुम्हें बदल देता है।

अगले कदम पर तुम

तुम नहीं रहोगे।

इसीलिए आगे के कदमों की

कल्पना या चिंता करना व्यर्थ है।

तुम बस अभी जहाँ हो

वहाँ से उठते एक कदम की सुध लो!

आचार्य प्रशांत

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org