हम कैसी शिक्षा दे रहे हैं?

समाज ने शिक्षक के साथ बड़ा दुर्व्यवहार किया है। उससे कह दिया है कि तुम बड़े ऊँचे आदमी हो और तुम्हारा काम है दिन-रात कुछ ऐसा करो कि जिससे छात्र का फ़ायदा हो।

अब दिक्कत ये है कि मैं छात्र को कुछ दे नहीं सकता जब तक मेरे पास देने के लिए कुछ हो ना और मेरे पास देने के लिए कुछ होगा नहीं जब तक मुझे समय, स्थान, अवकाश नहीं मिलेगा अंतरगमन करने का, अपने आप को देखने का। तो शिक्षकके साथ ये बड़ी त्रासदी है, वो हर समय छात्र के भले के…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org