हमेशा कुछ बुरा होने की शंका बनी रहती है
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, प्रणाम।
मेरे मन में आंतरिक हलचल बनी रहती है, हमेशा ही डर-सा लगा रहता है। फोन बजता है तो लगता है कि कोई बुरी खबर ही आएगी। सोते समय यह प्रतीत होता है कि शरीर सो गया, पर मस्तिष्क लगातार चलता जा रहा है। कृपया राह सुझाएँ।
आचार्य प्रशांत: क्या कहता है डर?