सोता सपना

आज

तुम सोती हो

यहाँ मेरे सामने

मैं

तुम्हें बहुत ध्यान से देख रहा हूँ

तुम जानोगी भी नहीं

कि

तुम्हारी आँखों में नींद है

और मेरी आँखों में

तुम्हारे लिए

सपने ।

आज

बुरा होकर भी

बहुत अच्छा है

क्योंकि

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org