सुनो ऐसे कि समय थम जाए
4 min readMar 15
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“ सुणए पोहि न सकै कालु ”सुनने वाले को काल नहीं पा सकता।
~ जपुजी साहिब
वक्ता: सुनने वाले को काल नहीं पा सकता। कबीर ने भी कहा है ये और जितने सरल तरीके से कबीर कहते हैं उतने ही सरल शब्दों में कि,
काल-काल सब कहें, काल लखे न कोए।जेती मन की कल्पना, काल कहावे सोए ।।
जहाँ कल्पना है वहीं काल है;जहाँ काल है वहीं मृत्यु है।