सुख कैसे धोखा देता है?
10 min readAug 10, 2021
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प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, आपने पहले कहा कि चेतना को पूर्णता चाहिए, यानी सत्य चाहिए, वो बिंदु चाहिए। लेकिन चेतना छली जाती है, यानी कि सुख से छली जाती है एक तरह से। तो उस सुख में ऐसा क्या है जो वो सत्य जैसा प्रतीत होता है?
आचार्य प्रशांत: दुःख का अभाव।
मुक्ति में और सुख में जो एक चीज़ साझी है वो है दुःख की अनुभूति की अनुपस्थिति। मुक्ति में भी दुःख नहीं है, और सुख में भी दुःख नहीं है, लेकिन अंतर बड़े…