सुंदरता — बात नाज़ की, या लाज की?
प्रश्न: सर, आप हमेशा शारीरिक सुंदरता को नीची नज़र से देखते हैं। मैं सुंदर और आकर्षक हूँ। पुरुष मेरी ओर ख़िचते हैं और मुझे इस बात पर नाज़ भी है। सुंदर होना कोई अपराध तो नहीं? पर आपको सुनती हूँ तो ऐसा लगता है जैसे सुंदर होकर मैंने कोई गुनाह कर दिया हो।
आचार्य प्रशांत: सवाल तो कुछ पूछा नहीं, मेरा गुनाह गिना दिया।