2 min readAug 6, 2022
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साहब, नज़र रखना
साहब नज़र रखना, मौला नज़र रखना
तेरा करम सबको मिले, सबकी फ़िक्र रखना
न आदमी की आदमी झेले गुलामियाँ,
न आदमी से आदमी मांगे सलामियाँ
जो फ़र्क पैदा हो रहे, वो फ़र्क गर्क हों
सबको बराबर बाँट, ये धरती ये आसमान
कोई भी न हो दर्द में, सबकी ख़बर रखना
प्रश्न: सर, कृपया इस गाने का अर्थ बताईये।
उत्तर: भास्कर,
हमें लगातार लगता रहता है कि हमारे करे हो रहा है। हम खुद को डूअर — कर्ता — माने रहते हैं.ध्यान से देखें तो मन की…