सार्थक जीवन की कुंजी
1 min readAug 9, 2020
ये छोड़ो कि मैं सब कुछ त्याग दूँगा,
निरुद्देश्य हो जाऊँगा, खाली हो जाऊँगा इत्यादि।
तुम तो पकड़ो! तुम एक महत उद्देश्य पकड़ो
और जीवन उसको दे दो।
यही भक्ति है, यही कर्मयोग है।
इसी में जीवन का रस है, सार्थकता है।
तुम्हारे पास अगर वो महत उद्देश्य नहीं है
तो बड़ा गरीब है तुम्हारा जीवन।
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