साधना क्या है? सत्य के इतने रूप क्यों?

प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, साधना का क्या मतलब है? क्या आँख बंद करके ध्यान लगाना साधना है?

आचार्य प्रशांत: जो आपकी ज़मीनी मुसीबतें हैं, जो आपकी वास्तविक बेड़ियाँ हैं, उनको काटने का नाम साधना है। आपकी साधना यही थी कि आपने शराब से मुक्ति पायी, वो साधना हुई। अब वो साधना कहीं किसी शास्त्र में नहीं मिलेगी, लेकिन वही साधना है। जो सधा हुआ ना हो, जो बिगड़ैल हो, जो चंचल हो, जो ऊट-पटांग उलटी चाल चलता हो, उसी को साध लेने का नाम है साधना।

साधना समझते हो न? कि किसी ने कोई कला साध ली, किसी ने कोई विद्या साध ली। कभी-कभी कहते हैं कि ये जो जानवर है, ये सधा हुआ नहीं है, जैसे घोड़ा साध लिया। तो भीतर हमारे जो पशु बैठा है, जो हमारी सारी पाशविक वृत्तियाँ हैं, वो कैसी हैं? वो सधी हुई नहीं हैं, वो तिरछी-तिरछी, ढुलकी-ढुलकी चलती हैं, ऐसे, वैसे, कुछ भी, रैंडम (अनियमित) कह सकते हो, या ये भी कह सकते हो कि वो अधर्म की ही दिशा चलती हैं। साधने का मतलब है कि उन सबको संयमित करके अब धर्म की दिशा मोड़ दिया। यही साधना है।

प्र२: जैसे नितनेम नहीं करता पर मैं वीडियोस को सुनता हूँ क्योंकि उसमें ज़्यादा स्पष्टता मिलती है।

आचार्य: वीडियोस सब नितनेम के ही प्रताप से हैं, नितनेम के ही आशीर्वाद से हैं। तो साधना करते समय ये पूरा ख़्याल रहे कि कहीं ऐसा तो नहीं कि जो बिगड़ैल है, और चंचल है, वो तो वहाँ बैठा है और साध हम यहाँ रहे हैं। साध किसको रहे हो फिर? भाई साधने का मतलब फिर समझ लो कि हुआ कुश्ती, कि जो अनुशासन में आने को तैयार नहीं है, जो असाध्य हो रहा है, जो अनुशासन मानने को तैयार नहीं है, जो सिद्धि में आने को तैयार नहीं है, उसके साथ तुमने लड़ी कुश्ती और उसको साध लिया। “अब तू सही-सही चल, तू जैसा बहका-बहका चलता था, दिशाहीन…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org