साधक और सूरमा

दुनिया के खिलाफ जो संघर्ष किया जाता है उसमें आप कहलाते हैं सूरमा

अपने खिलाफ जो संघर्ष किया जाता है उसमें आप कहलाते हैं साधक

आध्यात्मिक आदमी कतई ये न सोचे कि बाहर कोई परिवर्तन लाये बिना वो भीतर की बेचैनी मिटा लेगा और न सांसारिक आदमी ये सोचे कि बाहर की लड़ाई लड़ लड़ के उसे शांति मिल जानी है।

हमें कर्म दोनों तलों पर करना है।

हमें दुनिया को भी बदलना है, हमें अपना भी उपचार करना है।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org