समझें अपनी बड़ी-से-बड़ी इच्छा को, जानें उन सभी कारणों को जो आपको अपनी उच्चतम संभावना तक पहुँचने से रोकते हैं।

वही आपके बंधन हैं।

उन्हीं को ध्वस्त करना जीवन का लक्ष्य है, उन्हीं के पार जाना मुक्ति है।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org