सपनों में गुरुदर्शन का क्या महत्व है?

इससे यही पता चलता है कि मन सीखने को तैयार हो रहा है। मन इतना तो मान ही रहा है कि गुरु की सत्ता होती है, मन ने इस बात को गहराई से स्वीकृति दे दी है कि गुरु जैसा कुछ होता है।
ये तो बहुत ही दूर की बात है कि गुरु के कहे को समझ लिया, या गुरु के समक्ष नतमस्तक हो गये। ये तो बहुत-बहुत आगे की बात है।
मन के लिये इतना भी आसान नहीं होता कि वो मान ले कि मन के आगे, मन से बड़ा, मन के…