Jul 7, 2022
सत्य की इतनी बातें करते हैं
तो सत्य पर ज़रा भरोसा भी रखिए।
कुछ ऐसा नहीं हो
जाने वाला है कि
आप टूट जाएँ।
कोई अनुभव इतना विकराल
नहीं हो सकता कि
आपको तोड़-निचोड़ दे।
और यदि वो आपको
खंड-खंड कर भी देता है,
तो भी क्या हो गया?
गुज़रिए न उससे!
आप पाएँगे कि टूटने के बाद भी,
कचरा हो जाने के बाद भी,
धूल-धुँआ हो जाने के बाद भी
आप शेष हैं।