सच्चा जीवन जीना है तो रिश्ते कैसे रखें?

साधना माने अपने ऊपर काम करना। बेहतर बनने के संकल्प, अनुशासन, प्रक्रिया का संयुक्त नाम साधना है। एक आम आदमी भी बेहतर होना चाहता है तो एक आम आदमी भी साधक ही है। एक तरह से दुनिया में जितने लोग जी रहे हैं सब साधक है क्योंकि बेहतर होने की तमन्ना तो सभी में है। जो भी व्यक्ति थोड़ा और अच्छा, ऊँचा होने की इच्छा रखता हो, वही साधक हुआ। तो हम सब साधक है।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org