सकारात्मक विचार आओ-आओ, नकारात्मक विचार जाओ-जाओ

सकारात्मक सब मिल जाये, नकारात्मक चाहिये नहीं। और मन का नियम ये है कि बिना नकारात्मक के सकारात्मक होता नहीं। तो यदि तुम्हारा सवाल ये है कि सकारात्मकता कैसे बढ़ायें तो सीधा उत्तर ये है, नकारात्मकता बढ़ाके। ख़ूब नकारात्मकता बढ़ा लो, ख़ूब डर जाओ कि कुछ होने वाला है, फिर जब वो नहीं होगा तो बड़ी शान्ति का अनुभव होगा।

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org