संसार की नश्वरता समझ नहीं आती?
1 min readJun 28, 2020
हम रुकते नहीं है, आगे बढ़ जाते है दोबारा नए सपने लेने के लिए, सोचते नहीं है कि आगे भी तो सपने ही सपने है। अभी एक सपना आया, वो टूटा, आगे और सपने लेकर क्या करोगे? मूलतः क्रिया तो वही चल रही होगी न! अलग क्या हो जाना है?
जीवन ठहरने का कुछ अवकाश नहीं देता, कुछ ठहरने की हमारी नियत नहीं होती क्योंकि नियत हो गई अगर ठहरने की तो मुक्त हो जायेंगे न। मोह बहुत है अभी, लालसा बहुत है, आसक्ति है कि दुनिया से अभी और सुख लें। वही सुख हम को चिपकाएँ रहता है फिर दुनिया से।
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