संशय, प्रमाद और आलस क्यों हावी होते हैं?

संशय, प्रमाद, आलस में सम्बन्ध जड़ का है। जैसे किसी पेड़ की तीन टहनियों में तुम पूछो कि — “सम्बन्ध क्या है?” तीनों सम्बन्धित हैं जड़ से। तीनों की जड़ एक है, ये सम्बन्ध है। तीनों हैं हीं इसीलिए, ताकि तुम मुक्ति से दूर रहो। व्यर्थ काम की ओर तुम न बढ़ना चाहो, उसको आलस्य, या प्रमाद, नहीं कहते। आलस्य या प्रमाद का सम्बन्ध सदा सार्थक काम से है।