संकल्पशक्ति बढ़ाने का ज़बरदस्त तरीका
प्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी, मेरा प्रश्न है कि संकल्प का बल कैसे बढ़ाया जाए?
आचार्य प्रशांत: संकल्प का जो बल है वो ऊँचे-से-ऊँचा तब होगा जब संकल्प का विषय ऊँचे-से-ऊँचा होगा। और यही उचित भी है क्योंकि अगर इससे अलग कुछ हो गया तो बात भयानक हो जानी है। किसी छोटे, क्षुद्र, निचले, विषय को ले कर के आपने बड़ा ज़बरदस्त संकल्प बना लिया तो आपको अधिक-से-अधिक हासिल भी होगा तो क्या? कुछ नहीं।
एक तो ये कि बहुत ज़्यादा कुछ हासिल होगा नहीं। दूसरी बात ऊँचा विषय ही आपकी ऊँची ऊर्जा को जागृत कर सकता है। जब आप किसी ऊँचे विषय को ले करके संकल्प बनाते हैं तो ही आपकी ऊँची ऊर्जा जागृत होती है। हममें से बहुत लोग कहा करते हैं कि आलस रह जाता है या इच्छा शक्ति नहीं उठती या मनोबल कुछ दूर चल कर टूट जाता है। उसकी वजह समझिए। आप जिस चीज़ की कामना कर रहे हैं, जिस चीज़ को लक्ष्य कर रहे हैं, वो इतना ऊँचा है ही नहीं कि उसके लिए बहुत जान या ताकत या संकल्प लगाना पड़े। तो फिर आपकी ज़िन्दगी में बहुत ऊर्जा की ज़रुरत ही नहीं है। आप करोगे क्या उतनी ऊर्जा का? ऊर्जा उठती भी नहीं।
जितनी ऊँची चीज़ माँगोगे उसके लिए उतने ज़्यादा प्रयत्न की ज़रुरत पड़ेगी न? जितने ज़्यादा प्रयत्न की ज़रुरत पड़ती है भीतर से समझलो उतनी ही शक्ति खुल जाती है। आपकी शक्ति अगर नहीं खुल रही तो उसकी वजह ही यही है कि आपके पास कोई ऊँचा लक्ष्य होगा नहीं। और ऊँचा लक्ष्य क्यों नहीं है? क्योंकि आप तर्क देते हो कि, “मेरे पास ज़्यादा शक्ति और ऊर्जा नहीं है।” बाबा शक्ति और ऊर्जा बाद में आती है, पहले क्या आता है?