शिवमय होना क्या है?

प्रश्नकर्ता: शिवमय होना क्या है?

आचार्य प्रशांत: बहुत मुस्कुरा रहे हो बेटा! यही होता है शिवमय होना। पूछ रहे हैं कि “शिवमय होना क्या होता है?” यही है, सोमस्त हो जाओ। सोम जानते हो न क्या होता है, क्या होता है? ख़ुमार; सोमस्त हो जाओ, यही होता है शिवमय होना।

भोले-बाबा का तो ऐसा है कि उनसे दानव तो डरते ही थे, देवता भी बहुत डरते थे; बाकी सब भरोसे के थे, ब्रह्मा, विष्णु। कोई महल में रह रहा है, कोई राजा कहला रहा है, किसी ने मुकुट धारण कर रखा है, किसी को खीर का समुद्र मिला हुआ है, कोई अति-ज्ञानी है, वेद लेकर घूम रहा है। और इनका क्या है, भोले-बाबा का? ये नंग-धड़ंग बिराजे हुए हैं…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org