व्यक्ति का सही केंद्र क्या?
1 min readMay 14, 2020
ये दो अलग-अलग केंद्र होते हैं जीवन जीने के: प्रकृति, और बोध।
तुम प्रकृति के चलाए चल सकते हो, या बोध में जी सकते हो।
प्रकृति के चलाए चलोगे तो पशु समान जिओगे, वैसा जीवन अपनी सज़ा आप है।
बोध के चलाए चलोगे तो मुक्ति पाओगे, जो जीवन का परम आनंद है।
चुन लो।
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