वो बात बिल्कुल याद नहीं आती?

प्रश्नकर्ता: पिछले बाईस वर्षों से मैं एक साधना कर रहा था। अब ऐसा लगता है कि मैं ग़लत रास्ते पर साधना कर रहा था। तो इस संबंध में एक चौपाई आई है कि शिव जी कहते हैं कि,

उमा कहूँ मैं अनुभव अपना।

सत हरि भजन जगत सब सपना।।

आचार्य जी, मैं आपसे प्रार्थना करूँगा कि इसमें जो ‘भजन’ और ‘सपना’ है, उसका अर्थ मुझे समझा दीजिए। उसको हम अपने जीवन में कैसे ढालें? कैसे उसको अपने जीवन…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org