वो गहरी इच्छा
आचार्य प्रशांत: मन में सब कुछ विनाशी है पर कामना बहुत है मन को अविनाशी की। मन अज्ञान से भरा हुआ है, उसी को अंधकार कहते हैं पर कामना बहुत रहती है हमको ज्ञान की, प्रकाश की। देखा है कितने सवाल पूछते हैं हम? देखा है छोटा बच्चा भी इधर-उधर हाथ-पाँव फेंकता रहता है, कोई नई चीज़ हो उसे छूने की कोशिश करता रहता है। यह भी एक तरीके की ज्ञान की प्यास ही है जो कि बहुत ही आरंभिक रूप में — यह भी कह सकते हो कि विकृत रूप में अभिव्यक्त हो रही है।