वेदव्यास — महाभारत के रचयिता || महाभारत पर

प्रश्नकर्ता: प्रणाम, आचार्य जी। व्यास ही रचयिता हैं महाभारत के और महाभारत के एक पात्र भी हैं, इसका क्या मतलब है?

आचार्य प्रशांत: इसका मतलब यह है कि कुछ सीखो। जिन्हें वेदव्यास कहते हो तुम, कृष्णद्वैपायन उनका नाम था, भीष्म के भाई लगे वो। तो एक तो महाभारत में उनका यह स्थान है कि वो भीष्म के भाई हैं। शांतनु और सत्यवती का विवाह हुआ था, उससे पहले ही सत्यवती को महर्षि पाराशर के द्वारा एक पुत्र मिला हुआ था, जिसका नाम था कृष्ण, कृष्णद्वैपायन — साँवले रंग का था, तो नाम कृष्ण रख दिया था — तो इस नाते वो भीष्म के भाई हैं। भीष्म के भी भाई हैं, और फिर सत्यवती से शांतनु को जो दो बेटे हुए, चित्रांगद और विचित्रवीर्य, उनके भी भाई हैं।

तो एक तो उनका ये स्थान, हलका-फुलका स्थान नहीं है, पितामह के भाई हैं तो वो भी पितामह ही हुए, और फिर उनका काम आगे भी है। चित्रांगद युद्ध में मारे गए, विचित्रवीर्य बीमार होकर चल बसे, अब सत्यवती का अर्थात् शांतनु का वंश कौन बढ़ाएगा? अब कहने को तो भीष्म भी सत्यवती के बेटे ही हुए, लेकिन सत्यवती ने तो ख़ुद ही उन्हें प्रतिज्ञा दिला दी थी, क्या? कि आजीवन अब वो कुँवारे ही रहेंगे। तो माँ है और एक बेटा है, और दूसरे बेटे की बहू है घर में, यही तीन बचे हैं। माँ कौन? सत्यवती। बेटा कौन? भीष्म। और बहू बैठी हुई है एक।

फिर माँ को याद आया अपना वो बेटा जो विवाह से पहले का है, उसका क्या नाम? वेदव्यास। वेदव्यास क्यों बोलते हैं उनको? क्योंकि वेद पहले चार हिस्सों में विभक्त नहीं थे, तो व्यास ऋषि ने वेदों का जो पूरा साहित्य था, जो सारी ऋचाएँ थीं, उनको चार हिस्सों में बाँटा ताकि पढ़ने में सुविधा हो जाए, ताकि उनको आत्मसात करना थोड़ा और सरल हो जाए, तो इसलिए वो वेदव्यास कहलाए।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org