वीरता और कायरता पर 5️⃣ बातें याद रखें!

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🔸 सूरा के मैदान में, कायर फसिया आए।

ना भागे ना लड़ सके, मन ही मन पछताए॥

~कबीर साहब

(सूरा मतलब शूरवीर)

क्यों कह रहे हैं कबीर? ‘ना भागे ना लड़ सके’ , लड़ नहीं सकता, ठीक बात है। कायर है, लड़ेगा क्या? पर वह भाग क्यों नहीं सकता है? ये सवाल है। भाग इसलिए नहीं सकता कि भाग के जायेगा कहाँ। जहाँ जायेगा वहीं मैदान है। भागने को कोई जगह ही नहीं है। एक युद्ध से भागेगा, दूसरे में जाना पड़ेगा। ये जो पूरा…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org