Jun 13, 2022
लगातार कुछ ऐसा रहेगा
जो अस्पष्ट होगा, धुंधला होगा,
अज्ञात होगा।
उसी अज्ञात में जीना है।
हिम्मत चाहिए न उसके लिए?
अज्ञात में भी जीने की
हिम्मत को कहते हैं — श्रद्धा।
लगातार कुछ ऐसा रहेगा
जो अस्पष्ट होगा, धुंधला होगा,
अज्ञात होगा।
उसी अज्ञात में जीना है।
हिम्मत चाहिए न उसके लिए?
अज्ञात में भी जीने की
हिम्मत को कहते हैं — श्रद्धा।
रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org