Jun 25, 2022
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रोज़मर्रा के कामों में
जब तुम भ्रष्टाचार करते हो
बदनीयती करते हो तो
तुम देख नहीं पाते कि
तुमने कितने लोगों का
नुक़सान कर दिया।
जिसको खबर होगी कि
क्या चीज़ दाव पर लगी हुई है
वह आलस, बेईमानी, कोताही,
झूठ, फरेब, ये सब कर कैसे लेगा?
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रोज़मर्रा के कामों में
जब तुम भ्रष्टाचार करते हो
बदनीयती करते हो तो
तुम देख नहीं पाते कि
तुमने कितने लोगों का
नुक़सान कर दिया।
जिसको खबर होगी कि
क्या चीज़ दाव पर लगी हुई है
वह आलस, बेईमानी, कोताही,
झूठ, फरेब, ये सब कर कैसे लेगा?
रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org