रिहाई ही है आपकी असली भलाई
प्रश्नकर्ता (प्र): आचार्य जी, जैसे हमारी संस्कृति है, सनातन धर्म है वो कहता है कि सबसे पहले जीवन में धर्म होना चाहिए और जब धर्म होगा तो उसी से फिर अर्थ, काम और मोक्ष भी होगा। जैसे मेरे व्यक्तिगत जीवन में सत्य बोलना धर्म है, तो सामान्य और व्यापक रूप से यह धर्म क्या है, जिसे जीवन में लाना ज़रूरी है?
आचार्य प्रशांत: धर्म धारण किया जाता है। धर्म क्या है? एक धारण करने वाली चीज़, एक अपनाने वाली चीज़। क्यों अपनायी जाती है…