रिश्ते में अगर आज़ादी नहीं तो रिश्ता झूठा है
रिश्ते में अगर आज़ादी नहीं तो रिश्ता झूठा है|
आचार्य प्रशांत: मालिक मने क्या?
श्रोता : अधिकार जमाने वाला।
वक्ता: अधिकारी?
श्रोता: सर, हमारा जो अहंकार वो हमें एक भ्रम दे देता है की हम मालिक हैं|
वक्ता: सत्य से सम्बंधित एक बहुत मूलभूत बात, पर ज़रा गौर करेंगे। आध्यात्मिकता में, जो कुछ भी केंद्रीय है उसका कोई अर्थ नहीं होता। कम से कम, उसका कोई विधायक अर्थ नहीं होता; ऐफिरमेटिव, पॉजिटिव अर्थ नहीं होता। प्रत्येक शब्द, आध्यात्मिकता में अर्थ-हीन है। तो आप कहेंगे…