राम का इतना गहरा विरोध?

प्रश्नकर्ता: प्रणाम आचार्य जी, दिवाली के अवसर पर देशभर से लोग यहाँ पर आपके साथ दीवाली मनाने के लिए उपस्थित हैं। उन्होंने अपने प्रश्न भेजे हैं। पहला प्रश्न है- प्रणाम आचार्य जी, कलयुग में रावण के मोक्ष का मार्ग क्या है? त्रेता में हरि के हाथों मृत्यु पाकर रावण पार हो गये थे। वर्तमान में तो हरि के हाथों मृत्यु संभव नहीं है, तो क्या मार्ग है?

आचार्य प्रशांत: जो जिस स्थिति में होता है, उसे उसी स्थिति के अनुसार, उस स्थिति से बाहर जाने वाला मार्ग ढूंढ लेना होता है। दो बातें कहीं है एक साथ- पहली, आप जिस भी स्थिति में हैं, जो भी हालत है आपकी और माहौल है, आपको अपना रास्ता उसी के अनुसार ढूंढना…

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org