रात, शहर और मैं
2 min readDec 16, 2022
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आकाश,
टुकड़ों में मेघाच्छन्न है
या तो पूरी तरह
या बिल्कुल नहीं।
खुले आकाश का सबसे चमकदार सितारा
मेघों को दूर से निहारता है
जैसे पड़ोस का बच्चा मुझको-
भय, संदेह से व्याकुल आँखों से,
कुछ दूरी पर खड़े रहकर।
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आकाश,
टुकड़ों में मेघाच्छन्न है
या तो पूरी तरह
या बिल्कुल नहीं।
खुले आकाश का सबसे चमकदार सितारा
मेघों को दूर से निहारता है
जैसे पड़ोस का बच्चा मुझको-
भय, संदेह से व्याकुल आँखों से,
कुछ दूरी पर खड़े रहकर।
रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org