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ये दो चीज़ें ज़िंदगी बना देंगी, या बिगाड़ देंगी

प्रश्नकर्ता: पिछले तीन साल से आपको सुन रहा हूँ और अब कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं — नौकरी चुननी है और विवाह संबंधित कुछ फैसले लेने हैं। और आप कहते हैं कि शादी और नौकरी, ये किसी की ज़िंदगी या तो बना सकते हैं या बिगाड़ सकते हैं। आपने एक वीडियो में कहा कि अगर ये दोनों ठीक से चुन लिए तो बच गए वर्ना गए। कृपया समझाएँ कि ऐसा क्या है शादी और नौकरी में कि ये पूरा जीवन ही निर्धारित कर सकते हैं? और मैं इन दोनों ही मोर्चों पर विजई कैसे रहूँ?

आचार्य प्रशांत: जीवन संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर जीव से ही मिलेगा। और कौन है वो जीव जो जीता है, जिसे जीवन के सब निर्णय लेने होते है?

वो जीव प्रकृति में एक इकाई है जिसे किसी भी तरह बने रहना है, अमर रहना है, पूर्ण अनुभव करना है अपने-आप को। जीव की स्थिति और उसके उद्देश्य को समझना होगा। जीव की स्थिति ये है कि वो तमाम तरह के ख़तरों से घिरा रहता है। उसकी हस्ती हमेशा अनिश्चित रहती है। कुछ पता नहीं होता कि वो कब चलेगा, कितना चलेगा, कितनी दूर तक, कितने दिनों तक बना रहेगा।

ये जो जीव है ये संसार पर पचासों तरीकों से आश्रित है और संसार जीव की इच्छा अनुसार चलता नहीं। तो बड़ी दयनीय-सी स्थिति रहती है जीव की — उसे संसार में रहना है, संसार पर आश्रित होकर रहना है, हवा-पानी, शरीर की तमाम आवश्यकताएँ वो संसार से लेता है और जिस संसार पर वो इतना आश्रित है उस संसार पर उसका कुछ बस चलता नहीं।

इसी तरीके से मन के निर्वाह के लिए संगति, और प्रतिष्ठा, और मनोरंजन, और तमाम तरह के…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

Written by आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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