Jul 6, 2022
यही संदेश है नवरात्रि का कि –
ज़िन्दगी जी किस आधार पर रहे हो?
कर्म नहीं, बाहरी बात नहीं,
रूप-रंग-कलेवर नहीं;
मर्म, आधार।
किस आधार पर जी रहे हो?
शिव के आधार पर जी रहे हो
या शव के आधार पर जी रहे हो?
सत्य के आधार पर जी रहे हो
या भ्रम और मोह और अंधेरे
में ही जिए जा रहे हो?