मोह भय में मरे, प्रेम चिंता न करे

इंसान की गहरी से गहरी प्यास होती है प्रेम की। वह जब मिलती नहीं है, तो दिमाग बिल्कुल रुखा-सूखा और भ्रष्ट हो जाता है।

प्रेम कल की परवाह नहीं करता है, वह समझदार होता है। वह बहुत अच्छे से जानता है कि कल आज से ही निकलेगा।

प्रेम कहता है आज में पूरी तरह से डूबो!

आज अगर सुंदर है, तो कल की चिंता करने की ज़रूरत ही नहीं।

यह प्रेम का अनिवार्य लक्षण है कि प्रेम आज में जिएगा। पर जहाँ प्रेम नहीं होगा वहाँ आज की अवहेलना की जाती है और कल की कल्पना की जाती है या आज उनके लिए माध्यम बन जाता है कल की प्राप्ति का। कल कुछ पाना है, उसके माध्यम के तौर पर आज को इस्तेमाल करो।

जहाँ कल होगा, वहाँ चिंता होगी ही होगी।

चिंता प्रमाण है इस बात का कि संबंधों में प्रेम नहीं है।

जहाँ प्रेम है, वहाँ कल नहीं है, जहाँ कल नहीं है, वहाँ चिंता नहीं है।

अगर तुम्हें चिंता करनी पड़ रही है, किसी व्यक्ति की, तो साफ़-साफ़ जान लेना तुम्हें लगाव है, प्यार नहीं है। और लगाव और प्यार विपरीत हैं, उन्हें आस-पास का भी मत समझ लेना।

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org

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