‘मोटिवेशन’ और ‘पॉज़िटिव थिंकिंग’ — पूरी बात
प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, मैंने आपके पॉज़िटिव थिंकिंग को लेकर काफी वीडिओज़ देखे हैं और हमेशा आप पॉज़िटिव थिंकिंग को लेकर आलोचनात्मक ही रहे हैं। ये बात मुझे समझ में भी आती है कि पॉज़िटिव थिंकिंग की जगह समझ ज़्यादा ज़रूरी है लेकिन मैंने अपने स्वयं के जीवन में देखा है कि मुझे पॉजिटिव थिंकिंग की ज़रूरत पड़ती है। कई बार निराश हो जाता हूँ तो उस समय ये ज्ञान काम नहीं आता। उस समय यही काम आता है कि पॉज़िटिव रहो, आशा रखो। तो मैं दोनों…