मोटिवेशनल स्पीकर्स और गुरुओं का जंजाल

कोई भी व्यक्ति जो अपने आप को सच का खोजी बोलता हो, जो कहता हो उसका वास्ता रियलिटी से है, वो अगर उपनिषदों की बात नहीं कर रहा तो बच के रहना, बहुत बच के रहना। उस व्यक्ति से और ज़्यादा बच के रहना जिसने खुद तो उपनिषद पढ़े ही नहीं है और तुम्हें भी सलाह दे रहा है कि बेटा! उपनिषद पढ़ने की कोई ज़रूरत नहीं है।
ये कड़ी शर्त आवश्यक है, ये कड़ी शर्त अगर नहीं लगाओगे तो न जाने क्या-क्या सुन आओगे, न जाने क्या-क्या सोख…