मैं लड़कियों से बात क्यों नहीं कर पाता?

प्रश्न: मैंने आमतौर पर देखा है कि मैं लड़कियों से सामने से बात नहीं कर पाता हूँ। पर किसी और माध्यम से कर लेता हूँ, जैसे वाट्सैप मैसेज आदि के द्वारा।

आचार्य प्रशांत: अपने सामने जब तुम किसी अपने-जैसे को पाते हो, तो उसको देखना कुछ हद तक अपनेआप को देखने जैसा हो जाता है। दुनिया का अवलोकन करने के पीछे यही समझ है कि दुनिया को देखोगे, तो आईने की तरह अपनेआप को देख लोगे। देख किसको रहे हो?

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org