मैं क्यों हूँ?
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प्रश्न : मैं क्यों हूँ सर? क्या हूँ?
वक्ता: *(मुस्कुराते हुए )* कौन है?
श्रोता १ : ‘आई’ |
वक्ता: ‘आई’, माने कौन?
श्रोता १ : सर, राहुल |
वक्ता: राहुल? राहुल क्यों है, ये तो बड़ी आसान सी बात है | राहुल शब्द तुम्हारे माँ — बाप को या सगे-सम्बन्धियों को प्यारा लगा तो नामकरण के दिन तुमको ये नाम दे दिया गया तो राहुल इस वजह से है | अब बताओ और किसकी बात कर रहे हो?
श्रोता १ : सर अपनी |
वक्ता: अपनी माने कौन?
श्रोता १ : इंसान |
वक्ता: इंसान माने क्या?
*(सब हँसते हैं )*
वक्ता: नहीं! सिर्फ हँसो नहीं, बात दूर तक जा रही है | अपनी माने क्या?
श्रोता १ : जीवित |
वक्ता: बढ़िया! सही जा रहे हो जीवित माने क्या?
श्रोता १ : जो पैदा होता है |
वक्ता: पैदा तो शरीर होता है मांस होता है, थोड़ा सा, १.५ — २ किलो |
श्रोता १ : सोल |
वक्ता: जूतों में जो होती है?
(सब हँसते हैं)
श्रोता १ : आत्मा |
वक्ता: कौन-कौन देखता है टी.वी. पर वो भूत-प्रेत आत्मा वगैरह यहाँ पर? देखते हो?
श्रोता २ : हाँ, सर |
वक्ता: कैसी होती है?
श्रोता १ : सर खतरनाक होती है |
वक्ता: कैसे खतरनाक होती है? हमसे ज्यादा खतरनाक होती है? आत्मा माने क्या? जैसे राहुल एक शब्द, वैसे आत्मा एक शब्द या आत्मा का कुछ अर्थ है? जब भी ये सवाल करोगे कि मैं हूँ क्यों; मैं इस ग्रह पर क्यों हूँ; मैं इस दुनिया में क्यों आया हूँ; या मैं जीवित क्यों हूँ; तो तुमको सबसे पहले अपने आप से यही पूछना पड़ेगा कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ? जब तुम कह रहे हो कि मैं यहाँ क्यों हूँ, तो ‘क्यों’ तीसरे नंबर पर आता है, पहले नंबर पर क्या आता है?
श्रोता २ : मैं |
वक्ता: और दूसरे नंबर पर क्या आता है?
श्रोता २ : यहाँ |
वक्ता: तो तीसरे की बात छोड़ो, पहले और दूसरे की बात करो | मैं माने कौन और किसकी बात कर रहे हो? मैं माने कौन? और अगर तुम कहते हो कि ‘शरीर’, तो शरीर आज से नहीं है | ये तो हमेशा से था | ये जो तुम साँस ले रहे हो, यही तुम्हारा शरीर बन रही है ये जो तुम खाना खा रहे हो, पानी पी रहे हो, यही तुम्हारा शरीर बन रही है और ये तो हमेशा से…