मैं इतनी सुंदर हूँ मैं क्या करूँ

प्रश्नकर्ता: मैं दिखने में इतनी सुंदर हूँ मैं क्या करूँ?

आचार्य प्रशांत: सबसे पहले तो यही समझ लो कि इतनी सुंदर हो नहीं। ये इतना विचित्र है कि क्या इस पर बोलें। सुंदर माने क्या? कैसे पता चलता है कि कोई सुंदर है?

श्रोतागण: दूसरे बोलते हैं।

आचार्य: हाँ, तो आकर्षक बोल सकते हो न, सुंदर तो नहीं बोल सकते। तो आप सुंदर हैं या नहीं इसका प्रमाण भी दूसरे ही दे देते हैं। आकर्षक लग रहे हो, लोग खिंच रहे हैं आपकी ओर तो आपने कह दिया कि आप सुंदर हैं। तो इससे तो यही पता चलता है कि आप दूसरों के किसी काम के हो, दूसरे आपकी ओर खिंच रहे हैं तो।

दूसरे किस काम के लिए आपकी ओर खिंच रहे हैं भाई? क्योंकि साफ-सुथरे शब्दों के पीछे हम असलियत छुपा ले जाते हैं। जब आप बोलते हो कि "मैं बड़ी सुंदर हूँ।" तो वास्तव में आप बोल क्या रही हो? आप ये बोल रही हो कि, "मैं जवान लड़कों के, पुरुषों के यौनसुख, सेक्सुअल प्लेज़र के लिए बड़े काम की चीज़ हूँ।" यही हुआ न, या और भी कुछ हुआ इससे अलग? आप सुंदर हो तो आपकी ओर लोग खिंच रहे हैं, यही हो रहा है न? इसीसे आप कहते हो न कि मैं सुंदर हूँ।

वो काहे के लिए खिंच रहे हैं? आपसे ज्ञान लेने के लिए आ रहे हैं? किस लिए आ रहे हैं आपके पास? आपसे वो अंतरराष्ट्रीय विषयों पर मंत्रणा करने आ रहे हैं? आपके साथ टेनिस खेलेंगे? वो जो लोग आपको आकर्षक मान रहे हैं वो किस लिए आपके पास आना चाहते हैं? आप हैं तो बड़ी सुंदर, वो किसलिए आपके पास आना चाहते हैं? बिलकुल ज़मीन की बात करो। हवा हवाई छोड़ो, कि वो रोमांस के लिए आना…

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आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant

रचनाकार, वक्ता, वेदांत मर्मज्ञ, IIT-IIM अलुमनस व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी | acharyaprashant.org